Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) भारत सरकार की एक flagship योजना है जिसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट.रोग, मौसम में असमय बदलाव जैसे जोखिमों से सुरक्षा देना है। यह योजना 2016 में लागू हुई, यह उन किसानों के लिए lifeline की तरह है जिन्हें कभी-कभी उनकी फसल खराब होने पर भारी आर्थिक नुकसान उठाना या सामना करना पड़ता है । अब 2025 में, सरकार ने कुछ नए बदलावए नई प्रीमियम दरें और क्लेम प्रक्रिया में तेज़ी लाने की दिशा में सुधार किए हैं। अगर आप एक किसान हैं या कृषि से जुड़े हैंए तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद ज़रूरी है – क्योंकि आपको पता होना चाहिए कि इस साल PMFBY से कैसे आवेदन करना है, क्लेम किस तरह मिला रहा है, और अपने हक का दावा कैसे करें।

PMFBY क्या है & इसकी शुरुआत
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) को 18 फरवरी 2016 को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य था कृषि बीमा को सरल, सुलभ और टिकाऊ बनाना। इस योजना से पहले दो योजनाएँ थीं — National Agriculture Insurance Scheme और Modified National Agricultural Insurance Scheme — जिन्हें मिलाकर PMFBY तैयार की गई।
PMFBY के उद्देश्य (Objectives)
- किसानों को प्राकृतिक आपदाएँ, कीट रोग, तूफ़ान, सूखा-अत्यधिक वर्षा आदि से सुरक्षा देना।
- कृषि आय को स्थिर बनाना ताकि किसान मौसम या अन्य अनिश्चितताओं के कारण बर्बादी न उठाएं।
- खेती में अधिक निवेश व तकनीक अपनाने को प्रेरित करना।
- कृषि परियोजनाओं को सस्ते क्रेडिट और बीमा पॉलिसी के माध्यम से जोखिम प्रबंधन करना।
किस तरह की फसलें शामिल हैं / Risk Coverage
- खरीफ और रबी फसलें दोनों शामिल हैं। PMFBY में विभिन्न राज्य-सरकारी अधिसूचित फसलों की सूची होती है।
- प्राकृतिक आपदा, मौसम की अनियमितता, कीट-रोग, रोग आदि से होने वाले नुकसान को कवर्ड किया जाता है।
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प्रीमियम दरें (PMFBY Premium Rates 2025)
- इसमें किसानों से लिया जाने वाला प्रीमियम बहुत कम होता है; अधिकांश हिस्सा सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दिया जाता है।
- प्रीमियम दरें अलग-अलग राज्यों और फसलों के लिए अलग होती हैं। (मसालों, खरीफ, रबी आदि)
- उदाहरणतः, कुछ फसलें जहाँ प्रीमियम दरें कम होती हैं, सरकार की गाइडलाइन्स में ताज़ा अपडेट्स उपलब्ध हैं।
आवेदन प्रक्रिया (How to apply for PMFBY )
- सबसे पहले आधिकारिक PMFBY पोर्टल pmfby.gov.in पर जाएँ और “Farmer Registration” / “Apply Online” लिंक पर क्लिक करें।
- आवश्यक जानकारी जैसे Aadhaar, बैंक विवरण, खेत की स्थिति आदि भरें।
- आप स्थानीय कृषि विभाग / CSC केंद्र या बीमा एजेंट की मदद ले सकते हैं।
- आवेदन की अंतिम तारीख और मौसम (Season) के अनुसार renew करना ज़रूरी है।
क्लेम कैसे करें & PFMBY Claim Status Check 2025
- यदि फसल खराब हो जाए या नुकसान हो, किसान को खेत निरीक्षण (crop cutting or damage assessment) करवाना होगा।
- निरीक्षण रिपोर्ट, खेत का जोखिम प्रमाण आदि जमा करना पड़ सकता है।
- claim status चेक करने के लिए PMFBY की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ → ‘Claim Status’ सेक्शन में आवेदन संख्या या Aadhaar दर्ज करें।
- समय-समय पर राज्य सरकारों द्वारा क्लेम राशि पारदायगी की घोषणाएँ होती हैं। उदाहरण के लिए हाल ही में ₹3,200 करोड़ से ज़्यादा की क्लेम राशि किसानों को दी गई है।
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नया नियम / नए बदलाव (Recent Changes)
- क्लेम भुगतान प्रक्रिया को तेज़ बनाने के लिए कुछ राज्यों में सरकारी हस्तक्षेप और डिजीटल ट्रांसफर बढ़ाए गए हैं।
- कुछ नए दिशा-निर्देश जोड़ दिए गए हैं ताकि किसानों को जटिल प्रक्रिया से कम गुजरना पड़े।
- मौसम आधारित जोखिम (weather-based parametric insurance) और टेक्नोलॉजी (drone inspections, satellite data) के उपयोग की पहलें बढ़ रही हैं।
क्या उम्मीद कर सकते हैं किसान? (Benefits + Challenges)
Benefits
- आर्थिक सुरक्षा: जब फसल बर्बाद हो जाए, तो बीमा क्लेम से सहायता मिलती है।
- खेती की लागत कम होती है क्योंकि जोखिम कम लगता है।
- निवेश के लिए आत्मविश्वास बढ़ता है; किसान नई तकनीक और बेहतर बीज इस्तेमाल करने में सक्षम होते हैं।
Challenges
- कमी-कभी क्लेम प्रक्रिया में देरी होना ध् निरीक्षण में समय लगता है।
- कुछ किसानों को पता नहीं होता कि उनके राज्य में कौन-सी फसल अधिसूचित है।
- प्रीमियम अदायगी में गड़बड़ी या बैंक/Aadhaar डाटा लिंक का मुद्दा।
राज्य-वार जानकारी (State Wise Differences)
- हर राज्य में अधिसूचित फसलें अलग होती हैं। उदाहरण के लिए उत्तराखंड में मंडुआ, प्रति कुछ जिलों में दलहन या अन्य फसलें अधिसूचित हैं।
- प्रीमियम दरें भी राज्य-वार भिन्न होती हैं। कुछ राज्य इन दरों को कम सब्सिडी देने के कारण किसानों से बड़ा योगदान लेते हैं।
- क्लेम की प्रक्रिया और भुगतान वितरण समय राज्य सरकारों के संसाधन और कृषि विभाग की कार्यप्रणाली पर निर्भर है।
Conclusion
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) 2025 अब भी किसानों के लिए एक सक्षम सुरक्षा कवच है। यदि आप किसान हैं तो ये ज़रूरी है कि आप देखें कि आपकी फसल अधिसूचित सूची में है या नहीं, प्रीमियम समय पर अदा करें, क्लेम प्रक्रिया पूरी तरह जानें, और अपने राज्य के अपडेट्स पर नज़र बनाए रखें। इस योजना के सही उपयोग से आपके खेती में जोखिम कम होगा और आपकी आय में स्थिरता बना रहेगा।
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FAQs
Q1. PMFBY 2025 की क्लेम राशि कब मिलती है?
A: क्लेम भुगतान मौसम और राज्य पर निर्भर करता है; अधिकांश राज्यों में क्लेम भुगतान फसल कटाई और निरीक्षण के बाद होता है — खरीफ के लिए आमतौर पर दिसंबर–जनवरी और रबी के लिए अप्रैल–मई में।
Q2. यदि मेरा खेत अधिसूचित फसल सूची में नहीं है तो क्या करूँ?
A: अपने राज्य के कृषि कार्यालय से संपर्क करें; वर्ष–वार अधिसूचित फसलों की सूची बदलती है; आप अगली सत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं यदि उस फसल को अधिसूचित किया जाए।
Q3. प्रीमियम कितना देना होगा और कितनी सरकार सब्सिडी देती है?
A: सरकार प्रीमियम का अधिकांश हिस्सा सब्सिडी के रूप में देती है; किसानों को सिर्फ कुछ प्रतिशत देना होता है जो कि राज्य और फसल के अनुसार अलग होता है।
Q4. क्लेम स्टेटस कैसे चेक कर सकते हैं?
A: pmfby.gov.in पर जाकर “Claim Status” सेक्शन में अपना आवेदन नंबर, खेत की जानकारी या Aadhaar दर्ज करें।
Q5. आवेदन की अंतिम तिथि कब होती है?
A: आवेदन की तिथि मौसम (Kharif / Rabi) और राज्य सरकार द्वारा घोषित सत्र पर निर्भर करती है; अक्सर बीज बोने से पहले या सत्र की शुरुआत में आवेदन करना आवश्यक है।









